लिखित रूप में अपने मन के भावो और विचारो को प्रकट करने के माध्यम को पत्र कहते है|
पत्र की विशेषताएँ
1. भाषा की संक्षिप्तता2. क्रमबद्धता3. भाषा की सरलता4. प्रभावपूर्ण शैली5. शिष्टता और विनम्रता6. विराम चिन्हों का विशेष ध्यान7. उदेश्यपूर्ण
1. भाषा की संक्षिप्तता2. क्रमबद्धता3. भाषा की सरलता4. प्रभावपूर्ण शैली5. शिष्टता और विनम्रता6. विराम चिन्हों का विशेष ध्यान7. उदेश्यपूर्ण
पत्रों के प्रकार
पत्रों के प्रकार
1. अनौपचारिक पत्र2. औपचारिक पत्र
1. अनौपचारिक पत्र2. औपचारिक पत्र
अनौपचारिक पत्र क्या होता है?
अनौपचारिक पत्र क्या होता है?
अनौपचारिक पत्र से तात्पर्य ऐसे पत्रों से है जिनका लेखन व्यक्तिगत मामलो के संधर्भ में किया जाता है जैसे – परिवारिक सदस्यों, मित्रो और अन्य परिजनों के लिए अनौपचारिक पत्र का उपयोग किया जाता है|
औपचारिक पत्र क्या होता है?
प्रधानाचार्य , पदाधिकारी, ग्राहकों, पुष्तक विक्रेता, संपादक आदि को लिखा गया पत्र को औपचारिक पत्र कहते है
प्रधानाचार्य , पदाधिकारी, ग्राहकों, पुष्तक विक्रेता, संपादक आदि को लिखा गया पत्र को औपचारिक पत्र कहते है